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भदावर विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज बाह (आगरा)
भदावर विद्या मन्दिर संस्था का उदय मूर्धन्य शिक्षाविद, भाषाविद, एवं सर्वहारा वर्ग के समाजसेवी जन नायक स्वर्गीय श्री बनवारी लाल तिवारी (संस्थापक प्रधानाचार्य) के अथक प्रयासों से सन 1942 में हुआ है। सर्वप्रथम यह विद्यालय जूनियर हाईस्कूल के रूप में सन 1942 में रेलवे स्टेशन के कमरे में संचालित होता था ।
उस समय इस विद्यालय की छात्र संख्या 50 थी । छात्र संख्या बृद्धि होने पर आवश्यकता अनुरूप यह विद्यालय नगर सेठ स्व० श्री तोताराम दरवारीलाल जैन की जगह (पी ए सी कोठी) में संचालित हुआ । तदोपरान्त क्षेत्र के शैक्षिक विकास हेतु समाजसेवी एवम जमीदार स्व० श्री मगन लाल चौबे द्वारा जमीन दान दी गयी । स्व० श्री बनवारी लाल तिवारी ने गाँव गाँव जाकर चन्दा एकत्रित कर भदावर विद्या मन्दिर संस्था का भवन निर्माण कार्य कराया ।
लोगों ने भी भवन निर्माण कार्य (ज्ञान यज्ञ) में तन मन धन से अपनी सेवाएं (आहुति) दी । तिवारी जी के द्वारा रोपित यह पौधा (संस्था) आज विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुका है ।
सत्र 1946-47 में इस संस्था को माध्यमिक शिक्षा परिषद उ० प्र० से हाईस्कूल की मान्यता प्राप्त हुई। सन 1959 में इण्टरमीडिएट कला वर्ग तथा सन 1965 में इण्टरमीडिएट विज्ञान वर्ग की मान्यता प्राप्त हुई है ।
सन 1969 में इसी संस्था से भदावर विद्या मन्दिर महाविद्यालय का उदभव हुआ जिसमें आज डा० सुकेश कुमार यादव प्राचार्य के प्रयासों से परास्नातक एवं बी एड की भी कक्षाएं संचालित हों रही हैं ।
भदावर विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज के पूर्व छात्र - छत्राओं ने विभिन्न क्षेत्रों -- शिक्षा, तकनीकी, चिकित्सा, न्यायिक, भारतीय सेना आदि में उत्कृष्ट सेवाएं दी हैं ।
वर्तमान में संस्था के प्रबन्ध कार्यकारिणी के अध्यक्ष डा० सुकेश कुमार यादव ( कुलाधिपति जे एस विश्व विद्यालय शिकोहाबाद ) एवं प्रबंधक डा० प्रेम शंकर यादव (प्रति कुलाधिपति जे एस विश्व विद्यालय) एवं प्रधानाचार्य अभिलाष कुमार शर्मा (उ०प्र०मा०शि० चयन बोर्ड द्वारा चयनित) हैं । विद्यालय में सुयोग्य, कर्मठ एवं अपने-अपने कार्य के प्रति सजग शिक्षक- शिक्षिकाओं एवं कर्मचारिओं के सहयोग से विद्यालय शिक्षा के प्रसार पथ पर अग्रसर है ।
Study material available online 24/7. Study in your free time, no time management issues, perfect balance between work and study time.
Edumart University Online has access to all of Edumart Group’s placement resources and alumni network, through which thousands of job opportunities are generated.
There is easy accessibility to online help in terms of online teachers and online forums. Teachers can be contacted with the help of video chats and e-mails.
LMS that is easily accessible on a number of devices such as mobile phones, I-pads, computers and other such devices. Availability of ready reckoners such that students can remember the key points of the session learnt.
The transition to an environment of learning becomes easy with the availability of multiple sources of learning such as text books, power-point presentations, and story boards on various subjects.
Assessments and interactivities are given at the end of every session such that the practical application of theory learnt can be gauged.